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- CISF Official Asked If I Am Indian As I Don’t Know Hindi: DMK MP Kanimozhi
चेन्नई/नई दिल्ली28 मिनट पहले
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कनिमोझी तमिलनाडु के तूतुकुड़ी से सांसद हैं। वह डीएमके की महिला शाखा की सेक्रेटरी भी हैं।- फाइल फोटो
- चेन्नई एयरपोर्ट पर घटी घटना, सांसद ने ट्वीट कर दी जानकारी
- सीआईएसएफ ने पूरा ब्योरा मांगा, मामले की जांच के आदेश दिए
डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि को चेन्नई एयरपोर्ट पर अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने हिंदी न बोल पाने के कारण उनसे पूछा कि क्या वो भारतीय हैं? सीआईएसएफ ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। कनिमोझी ने सीआईएसएफ के तुरंत रिस्पांस देने और एक्शन लेने पर धन्यवाद भी दिया। कनिमोझी तमिलनाडु के तूतुकुड़ी से सांसद हैं। वह डीएमके की महिला शाखा की सेक्रेटरी भी हैं।
कनिमोझी के साथ यह घटना तब हुई, जब वह रविवार दोपहर दिल्ली जा रही थीं। उन्होंने ट्वीट किया, “आज एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के अधिकारी ने मुझसे पूछा- क्या मैं भारतीय हूं। मैंने अधिकारी से तमिल या अंग्रेजी में बात करने को कहा था, क्योंकि मुझे हिंदी नहीं आती।” उन्होंने #hindiimposition (हिंदी थोपना) के साथ एक और ट्वीट किया। लिखा- मैं यह जानना चाहती हूं कि कब से हिंदी जानने का मतलब भारतीय होना हो गया।”
Today at the airport a CISF officer asked me if “I am an Indian” when I asked her to speak to me in tamil or English as I did not know Hindi. I would like to know from when being indian is equal to knowing Hindi.#hindiimposition
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) August 9, 2020
कनिमोझी ने लिखा, “सिर्फ इसलिए कि आप किसी एक धर्म से ताल्लुक नहीं रखते हैं या एक विशेष भाषा नहीं बोलते हैं तो आप कमतर भारतीय नहीं बन जाते। मुझे लगता है कि इस देश की महानता इसकी विविधता है। कहीं न कहीं हम ये खो रहे हैं।”
सीआईएसएफ ने भी ट्वीट किया
सीआईएसफ के हेडक्वॉर्टर ने इस पर ट्वीट करके कनिमोझी को घटना की जांच कराने का आश्वासन दिया है। सीआईएसएफ ने कनिमोझी से यात्रा का पूरा ब्योरा मांगा है। हवाई अड्डे, तारीख और घटना का समय बताने को कहा है। यह भी कहा कि सीआईएसएफ की पॉलिसी यह नहीं है कि किसी एक भाषा पर जोर दिया जाए। सीआईएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स है।
The CISF has ordered an Enquiry into the matter. It is not the policy of CISF to insist upon any particular language.
— CISF (@CISFHQrs) August 9, 2020
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