- Hindi News
- National
- India China Tension Latest News Update; India China Tension, Indian Spy Satellite, ISRO, DRDO, Indian Army, PLA
नई दिल्ली3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
- पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो से पीछे हटने को लेकर दोनों देशों में हुए मतभेद के एक दिन बाद सैटेलाइट वहां से गुजरा
- सूत्रों के मुताबिक, डेपसांग सेक्टर में चीनी सेना कर रही निर्माण कार्य, 2013 में यहीं से पीएलए ने की थी घुसपैठ
भारत का एक जासूसी सैटलाइट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरा। इस सैटलाइट ने इलाके में पीएलए के पोजिशन से जुड़े इनपुट जुटाए। चीन ने यहां बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रखी है।
सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि शनिवार को कौटिल्य, ईएलआईएनटी (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस) से लैस सैटेलाइट ‘ईएमआईएसएटी’ अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास तिब्बत के उस हिस्से के ऊपर से गुजरा है, जो पीएलए के कब्जे में है।
चीन ने डेपसांग में भी भारी संख्या में सैनिकों को जमा कर रखा है। चीनी सैनिकों को उनके एरिया में निर्माण कार्य करते देखा जा सकता है। इससे पहले पीएलए ने 2013 में भी डेपसांग में घुसपैठ की थी।
रेडियो सिग्नल को मॉनिटर करता है कौटिल्य
इस सैटेलाइट को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने बनाया है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ऑपरेट करता है। सैटेलाइट कौटिल्य का ईएलआईएनटी सिस्टम दुश्मन के इलाकों में ट्रांसमिशन के लिए इस्तेमाल होने वाले रेडियो सिग्नल को मॉनिटर करता है।
लद्दाख में पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 को लेकर हुई भारत-चीन की बातचीत के बेनतीजा होने के एक ही दिन बाद यह सैटलाइट यहां से गुजरा। हालांकि, अभी दोनों देश लद्दाख सीमा विवाद को पूरी तरह हल करने के लिए और बातचीत के लिए तैयार हैं।
पीएलए नेवी के जिबूती बेस से गुजरा सैटेलाइट
सूत्रों के मुताबिक, भारत का राडार सैटेलाइट आरआईएसएटी-2बीआर1 चीन के पीपुल्स लेबर आर्मी नेवी (पीएलएएन) के जिबूती बेस के ऊपर से गुजरा था। जिबूती नेवी बेस चीन का इकलौता ओवरसीज बेस है। हाल ही में ऐसी खबरें भी आई थीं कि चीन ने जिबूती कोस्ट के पास अपने तीन वॉर-शिप तैनात किए हैं।
हाल ही में पाकिस्तान के ओर्मारा बेस से गुजरा था
इससे पहले 11 जुलाई को भारत का यह सैटेलाइट पाकिस्तान नेवी के ओर्मारा बेस (जिन्ना नेवल बेस) के ऊपर से गुजरा था। ओर्मारा बेस में सबमरीन रखने की क्षमता है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान कई सालों से यहां चीनी सबमरीन को रखता आया है।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को लद्दाख और कश्मीर में दोहरी चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।
ये भी पढ़ सकते हैं…
1. भारत ने डेपसांग और डीबीओ में चीनी सेना की मौजूदगी पर सवाल उठाया, कहा- चीन मिलिट्री ड्रिल की आड़ में यहां निर्माण कर रहा
0