डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष थॉमस पेरेज ने कहा कि मिशिगन में 1,25,000 भारतीय-अमेरिकी मतदाता हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पद के पिछले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के हाथों हार का जिक्र करते हुए कहा, ”हम 2016 में मिशिगन में 10,700 मतों से हारे थे.”
उन्होंने कहा, ”पेंसिल्वेनिया में 1,56,000 (भारतीय-अमेरिकी) हैं. हम पेंसिल्वेनिया में 42,000 से 43,000 मतों से हारे थे. विस्कॉन्सिन में 37,000 (भारतीय-अमेरिकी) हैं।. हम 2016 में विस्कॉन्सिन में 21,000 (मतों) से हारे थे.” पेरेज ने ‘एशियन अमेरिकन एंड पेसिफिक आइलैंडर्स’ (एएपीआई), ‘इंडियन-अमेरिकन इम्पैक्ट फंड’ और ‘साउथ एशियंस फॉर बाइडेन’ द्वारा आयोजित एक डिजिटल बैठक में कहा, ”भारतीय-अमेरिकी मत, या और वृहद तौर पर देखें, तो एएपीआई के मत (2020 राष्ट्रपति पद के चुनाव में) बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं.”
पेरेज ने कहा, ”मैंने जिन तीन राज्यों का जिक्र किया, उन्हीं के बारे में सोचिए. केवल भारतीय-अमेरिकी मत आगे बढ़ने के लिए बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं.” ‘एएपीआई विक्ट्री फंड’ के अध्यक्ष शेखर नरसिम्हन ने बताया कि एरिज़ोना (66,000), फ्लोरिडा (193,000), जॉर्जिया (150,000), मिशिगन (125,000), उत्तरी कैरोलिना (111,000), पेंसिल्वेनिया (156,000), टेक्सास (475,000) और विस्कॉन्सिन (37,000) में करीब 13 लाख भारतीय अमेरिकी मतदाता हैं.
बाइडेन चुनाव प्रचार मुहिम के लिए एएपीआई के राष्ट्रीय निदेशक अमित जानी ने कहा कि भारतीय अमेरिकी समुदाय का आकार और प्रभाव बढ़ा है. अब भारतीय-अमेरिकी बड़ी संख्या में राजनीति और सरकार का हिस्सा बन रहे है. जानी ने कहा, ”नवंबर में राष्ट्रपति पद के चुनाव ऐतिहासिक होंगे और हमें अंतर पैदा करने के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सहयोग की बहुत आवश्यकता है.”
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