
राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच विवाद खत्म होने के संकेत
जयपुर:
राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के खत्म होने के संकेत मिल रहे हैं. सचिन पायलट(Sachin Pilot) खेमे और कांग्रेस आलाकमान के बीच सुलह होने की बात सामने आयी है. सोमवार को सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद कांग्रेस ने पायलट के साथ समझौते की पुष्टि की. कांग्रेस(Congress) ने पायलट को आश्वासन दिया है कि उनकी सारी शिकायतों पर गौर किया जाएगा और सम्मानजनक तरीके से उनकी घर वापसी कराई जाएगी. लेकिन इन सब के बीच सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि राजस्थान में अपनी ही सरकार को अल्पमत में होने की बात करने वाले सचिन पायलट ने अतंत: समझौता क्यों कर लिया?
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पायलट के साथ नहीं थे नबंर!
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सचिन पायलट और कांग्रेस आलाकमान के बीच हुए बातचीत के बाद मामले के खत्म होने के पीछे जानकार सचिन के साथ जरू्री विधायकों की संख्या कम होने को अहम कारण बता रहे हैं. लगातार प्रयास के बाद भी पायलट के साथ विधायकों की संख्या 2 दर्जन के आंकड़ों तक भी नहीं पहुंच रही थी.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे फैक्टर
वसुंधरा राजे ने कथित तौर पर कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए बागी विधायकों के साथ कोई योजना बनाने से इनकार कर दिया था. बीजेपी की एक बैठक को मजबूरन रद्द किया गया था जिसमें उन्हें भाग लेना था. सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सहयोग के बिना बीजेपी कुछ अधिक नहीं कर सकती थी. राजस्थान ऐसा राज्य है जहां क्षेत्रीय नेताओं का वर्चस्व केंद्रीय नेताओं के मुकाबले अधिक है.
राहुल और सचिन की दोस्ती
सचिन पायलट हमेशा से राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं.सोमवार को सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद कांग्रेस ने पायलट के साथ समझौते की पुष्टि की. कांग्रेस ने पायलट को आश्वासन दिया है कि उनकी सारी शिकायतों पर गौर किया जाएगा और सम्मानजनक तरीके से उनकी घर वापसी कराई जाएगी. पार्टी ने पायलट की शिकायतें सुनने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है.